<no title>राजमाता की 100वी जयंती पर पहुचे ज्योतिरदीतया,और वसुंधरा यशोधर।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 100 वीं जयंति पर उनको याद करने लोग सिंधिया छत्री पहुंचे। राजमाता की बेटियां वसुधरा राजे, यशोधरा राजे और पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां पहुंचे और राजामाता की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई, जिसमें सिंधिया परिवार के सदस्यों और बीजेपी के नेताओं के साथ बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। सभा में सभी ने राजमाता के जीवन संसमरण सुनाए।इस दौरान राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि- हम दोनों उनकी बेटियां हैं हमने जो भी अपनी जिंदगी भी सीखा उन्हीं से सीखा है और मैं समझती हूं कि जिस सघर्ष के रास्ते पर राजमाता चली वो आसान रास्ता नहीं था, राजमाता ने हमेशा दूसरों के लिए जीवन जिया है, ये ही रास्ता राजमाता ने हमें दिखाया है।राजमाता की छोटी बेटी यशोधरा ने कहा कि राजमाता की राजनीति मूल्यों वाली राजनीति थी, जो आज भी प्रासंगिक है,  राजमाता जिस तरह का देश देखना चाहती थी आज देश उसी तरह का है, भारत आज 50 साल बाद उसी दिशा में जा रहा है जिस तरह राजमाता चाहती थी। राजमाता के संघर्ष का फल आज बीजेपी को मिला है। राजमाता जैसी मेहनत करने वालों तस्वीर बदल जाती हैं

 

 वही राजमाता के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा मेरी कुछ दादी की आज शताब्दी वर्ष है, मैं दर्शन करने और आशीर्वाद लेने आया हूं, जो उन्होंने अपने जीवन में जनकल्याण के कार्य किए हैं, पूरे क्षेत्र के लिए समरणीय है,  उनके पहले भी सिंधिया परिवार के मुखिया और उनके बाद भी उसी पथ पर चल रहे हैं। इस परिवार का योगदान विकास प्रति रहा है, हालाकि सिंधिया ने इस दौरान राजनीतिक सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया