कांग्रेस के दिग्गज रहे, ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद पार्टी से जुड़े हुए ।युवा वर्ग में खासा आक्रोश दिखाई दे रहा है। उनके इस्तीफे के बाद देशभर से प्रतिक्रियाओं के दौर शुरू हो गए हैं। पार्टी के युवा वर्ग का मानना है ,कि अगर इसी प्रकार कांग्रेस से युवा नेतृत्व की अनदेखी हुई ।तो इसका खामयाजा कमजोर पड़ी पार्टी को आगे भी उठाना पड़ सकता है ।मध्यप्रदेश में संकट के दौर से गुजर रही कांग्रेस राजस्थान महाराष्ट्र में भी संकट में दिखाई पड़ रही है ।राजनीतिक जानकारों का मानना है ।कि अगले कुछ दिन पार्टी के लिए संकट भरे हो सकते हैं कांग्रेस पार्टी में निर्विवाद माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस तरह दरकिनार करना पार्टी से जुड़े हुए युवा वर्ग को रास नहीं आया है, उधर प्रदेश राजनीति पर पैनी निगाह रखने वाले जानकारों का मानना है ।मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश कांग्रेस का सत्ता और पुत्र मो पार्टी के लिए घातक साबित हुआ है। जानकारों का मानना है ।कि भले ही सरकारी तंत्र के सहारे कमलनाथ सरकार को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हो। लेकिन प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और भविष्य में कांग्रेस को इसके बाद इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं तो देश की राजनीति पर अभी सस्पेंस बरकरार है और कोई भी अपने पूरे पत्ते खोलने के लिए वक्त का इंतजार कर रहा है।
ज्योतिरादित्य के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस का राष्ट्रीय युवा नेतृत्व नाराज कुछ दिनों में देशभर में पार्टी को इस प्रकार के संकट का सामना करना पड़ सकता है