सांप्रदायिक सद्भाव की जीवंत मिसाल श्री राजा बाक्षर महाराज मंदिर पर प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय और सुना उत्सव दिनांक 16, 17 एवं 18 मार्च को आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन की जानकारी को लेकर आज एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता में मंदिर के गद्दी नशीन श्री संजय इतापी ने बताया है कि यह बाबा का लगभग 300 वर्ष पुराना स्थान है ।यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों पद्धतियों से बाबा की पूजा की जाती है। और बाबा को सभी धर्म और संम्पदाय के लोग मानते हैं। तीन दिवसीय उर्स महोत्सव में प्रथम दिन रुद्राभिषेक 11 ब्राह्मणों द्वारा किया जाएगा। इसके पश्चात आरती एवं ब्राह्मण भोजन होगा ।शाम को ढोली बुआ महाराज की हरि कथा एवं भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। उस महोत्सव के दूसरे दिन बाबा का रुद्राभिषेक महा आरती एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उर्स महोत्सव के तीसरे दिन मुस्लिम पद्धति से बाबा का गुसल कुर्बानी शाम को मशहूर कव्वाल सलीम झंकार द्वारा कव्वाली का गायन किया जाएगा ।पत्रकार वार्ता में गद्दी नशीन श्री संजय इतापी ने बताया, कि यहां देश की अमन चैन एवं शांति सद्भाव की दुआ की जाती है। आयोजन में देशभर से काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
श्री राजा बाक्षर महाराज उर्स महोत्सव16 मार्च से शुरू ।