मध्य प्रदेश में कोरोना खतरनाक रुख अख्तियार करता जा रहा है. उज्जैन के नीलगंगा थाना प्रभारी यशवंत पाल की कोरोना से मौत हो गई है. वह अंबर कॉलोनी कंटेनमेंट इलाके में ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए थे. उनका इलाज इंदौर के अरविंदो अस्पताल में चल रहा था. आज तड़के उनकी मौत हो गई.
अरविंदो हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर विनोद भंडारी ने बताया कि पिछले 12 दिनों से यशवंत पाल एडमिट थे. वे जब से आए थे तभी से क्रिटिकल स्थिति में थे. उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव ही रही. मंगलवार सुबह साढ़े 5 बजे उनकी मौत हो गई. एडिशनल एसपी उज्जैन रूपेश कुमार द्विवेदी ने कहा कि पाल हमारे बीच नहीं रहे.
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नीलगंगा थाना प्रभारी यशवंत पाल 6 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव मिले थे. इसके बाद उनके संपर्क में रहने वाले 12 पुलिसकर्मियों को माधवनगर अस्पताल भिजवाया गया था. इसके अलावा यशवंत पाल का कोरोना रिजल्ट पॉजिटिव आने के बाद उनकी पत्नी और दोनों बेटियां को एक होटल में क्वारनटीन किया गया.
एक हफ्ते में दो पुलिस अधिकारियों की मौत
मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने कहा, 'उज्जैन के नीलगंगा थाना प्रभारी यशवंत पाल ने कोरोना के खिलाफ साहसिक जंग लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. एक हफ्ते में मध्यप्रदेश पुलिस के दो बहादुर अधिकारियों ने कर्तव्यपथ पर प्राण न्यौछावर कर दिए. इनके बलिदान से हम शोकाकुल हैं. यशवंत की शहादत को कोटिशः नमन व श्रद्धांजलि.'
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कोरोना से इंदौर सबसे अधिक प्रभावित
इंदौर की बात करें तो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले यहीं हैं. हालात पर काबू पाने की कोशिशों के बीच भारत सरकार की ओर से बनाया गया एक दल सोमवार को इंदौर पहुंचा. इसमें स्वास्थ्य सेवा के अलावा खाद्य विभाग के भी अधिकारी शामिल थे.
मध्य प्रदेश में अब तक 1485 कंफर्म केस
सोमावर को इंदौर में कोरोना के 18 नए पॉजिटिव केस मिले थे. इन्हें मिलाकर अब कुल मरीजों की संख्या 915 हो गई थी, जबकि अब तक 52 संक्रमितों की मौत हो चुकी है. वहीं मध्य प्रदेश में मरीजों का आंकड़ा 1485 हो गया है, जिसमें 74 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 127 लोग ठीक हो चुके हैं.